C language in Hindi Part 2
"C LANGUAGE" - Part 2
Table of Contents :-
- Header File in C – हैडर फाइल क्या है?
- Recursion in C in Hindi – C में रिकर्शन क्या है?
- Expression in C in Hindi – C में एक्सप्रेशन क्या है?
- Union in C in Hindi – C में यूनियन क्या है?
- Call by Value & Call by Reference in C in Hindi
- File Handling in C in Hindi – फाइल हैंडलिंग क्या है? – C Language
- फ़्लोचार्ट क्या है? – What is Flowchart in Hindi
- Algorithm क्या है? – What is Algorithm in Hindi
- malloc() and calloc() in Hindi – malloc और calloc क्या है?
- For Loop in Hindi – फॉर लूप क्या है?
- While Loop क्या है? – What is While Loop in Hindi?
- डू वाइल लूप क्या है? – Do While Loop in Hindi
- C Programming Language MCQ in Hindi – multiple choice question
Header File in C – हैडर फाइल क्या है?
Header File in C in Hindi
- C
language में, एक header file एक फाइल होती है जिसका .h extension होता है
और यह function declaration और macro definitions को store किये रहता है.
- दूसरे
शब्दों में कहें तो, “Header file एक file होती है जो पहले से define किये
हुए standard library functions के समूह को contain (सम्मिलित) किये रहता
है.”
- सभी header files का extension .h होता है.
- ‘#include’ का प्रयोग header files को program में include करने के लिए किया जाता है.
- Header files दो प्रकार की होती है. पहली वो जिन्हें programmer खुद लिखता है और दूसरी files कम्पाइलर के साथ आती है.
एक हैडर फाइल में निम्नलिखित चीजें सम्मिलित रहती है:-
- Function definitions
- Data type definitions
- Macros
C language में, प्रत्येक program को <stdio.h> हैडर फाइल का प्रयोग करना जरुरी होता है क्योंकि इसके ही मदद से scanf() फंक्शन input को लेता है और printf() फंक्शन output को display करता है.
Header file का syntax
हम इसके syntax को दो तरीकों से define कर सकते हैं.
1)- #include<filename.h>
इसमें header file का नाम angular brackets (<>) के अंदर लिखा जाता है. यह हैडर फाइल को define करने का सामान्य तरीका है.
इसका example – #include<string.h>
2) – #include”filename.h” या #include “filename”
इसका प्रयोग user के द्वारा define की हुई header files के लिए किया जाता है. इसमें हैडर फाइल के नाम को double quote (“ ”) के अंदर रखा जाता है.
Types of Header files – हैडर फाइल के प्रकार
इसके दो प्रकार होते हैं. जो कि निम्नलिखित हैं:-
- User-defined header files
- Standard library header files
User-defined header files –
ये files यूजर के द्वारा define की जाती है और इसे “#include” के द्वारा import किया जा सकता है.
Standard library header files –
ये फाइल्स compiler में पहले से मौजूद होती है. इन्हें सिर्फ import करने की आवश्यकता होती है. नीचे आपको compiler में पहले से मौजूद header file की list दी गयी है.
<stdio.h> | Standard Input/Output functions |
<errno.h> | For testing error codes |
<conio.h> | Console Input/Output functions |
<assert.h> | Program assertion functions |
<ctype.h> | Character type functions |
<locale.h> | Localization functions |
<math.h> | Mathematics functions |
<setjmp.h> | Jump functions |
<signal.h> | Signal handling functions |
<stdarg.h> | Variable arguments handling functions |
<stdlib.h> | Standard Utility functions |
<string.h> | String handling functions |
<time.h> | Date time functions |
खुद की header file कैसे create करते है?
C लैंग्वेज में, हम खुद की header file को create कर सकते हैं और उन्हें अपने program में add कर सकते हैं. यह code की functionality और readability को बढ़ा देता है. नीचे आपको इसको create करने के steps दिए गये हैं:-
1:- सबसे पहले अपने code को लिखे और उसे .h extension के साथ save कर दे.
2:- अपने program में इस header file को “#include” के साथ include कर दे.
Advantage of Header files in Hindi – इसके लाभ
इसके लाभ निम्नलिखित हैं:-
- प्रत्येक हैडर फाइल किसी एक विशेष operation को perform करता है.
- इन्हें प्रयोग करना आसान होता है.
- इससे program को लिखने में कम समय लगता है.
- यह compile time की speed को बढ़ा देता है.
- इससे हम code को आसानी से पढ़ सकते है अर्थात यह code की readability को बढ़ा देता है.
Header file का program
नीचे दिए गये program में बहुत सारें standard library header files का प्रयोग किया गया है.
#include <stdio.h>
#include<stdlib.h>
#include<string.h>
#include<math.h>
int main() {
char s1[20] = "56789";
char s2[10] = "Yugal";
char s3[10] = "Joshi";
int res;
res = pow(5, 3);
printf("Using math.h, The value is : %d\n", res);
long int a = atol(s1);
printf("Using stdlib.h, the string to long int : %d\n", a);
strcpy(s2, s3);
printf("Using string.h, the strings s2 and s3 : %s\t%s\n", s2, s3 );
return 0;
}
इसका आउटपुट –
Using math.h, The value is : 125
Using stdlib.h, the string to long int : 56789
Using string.h, the strings s2 and s3 : Joshi Joshi
Recursion in C – C में रिकर्शन क्या है?
Recursion in C
C language में, Recursion एक प्रक्रिया है जिसमें एक function अपने आप को बार-बार call करता है. इस function को recursive function कहते हैं.
इस प्रकार की function call को recursive calls कहा जाता है. Recursion में बहुत सारीं recursive calls होती है इसलिए इसको terminate करने के लिए terminate condition का प्रयोग करना आवश्यक होता है.
Recursion को हम सभी problems पर apply नहीं कर सकते परन्तु इसका प्रयोग करके हम कुछ problems को आसानी से solve कर सकते हैं. उदाहरण के लिए – हम इसका प्रयोग sorting, searching, traversal आदि problems को solve करने के लिए कर कर सकते हैं.
C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज recursion को सपोर्ट करती है. परन्तु इसका प्रयोग करने के दौरान programmer को function में exit condition को define करना आवश्यक होता है अन्यथा यह infinite loop तक चलता रहेगा.
Recursive functions बहुत सारीं mathematical problems को solve करने में बहुत उपयोगी होती है जैसे कि – एक number के factorial को calculate करना, fibonacci series को जनरेट करना आदि.
इसका program – recursion का प्रयोग करके एक number के factorial को find करना
#include<stdio.h>
long factorial(int n)
{
if (n == 0)
return 1;
else
return(n * factorial(n-1));
}
void main()
{
int number;
long fact;
printf("Enter a number: ");
scanf("%d", &number);
fact = factorial(number);
printf("Factorial of %d is %ld\n", number, fact);
return 0;
}
इसका आउटपुट –
Enter a number : 10
Factorial of 10 is 3628800
ऊपर दिए गये program में हमने 10 number को enter किया है और उसका factorial प्राप्त किया.
Advantage of Recursion – रिकर्शन के लाभ
- यह अनावश्यक function call को कम करता है.
- इसके द्वारा हम problems को आसानी से solve कर सकते है क्योंकि iterative solution बहुत बड़ा और complex (कठिन) होता है.
- यह हमारे code को elegant (सुंदर) बना देता है.
Disadvantage of Recursion
- Recursion का प्रयोग करके बनाये गये program को समझना और debug करना मुश्किल होता है.
- इसके लिए हमें ज्यादा memory space की आवश्यकता होती है.
- इसमें program को execute करने में ज्यादा समय लगता है.
Types of Recursion in C – रिकर्शन के प्रकार
इसके प्रकार निम्नलिखित हैं:-
1:- Tail Recursion – यदि एक recursive function खुद को call करता है और यह recursive call, फंक्शन का अंतिम statement है तो इसे tail रिकर्शन कहते हैं. इस recursive call के बाद फंक्शन कुछ भी perform नहीं करता है.
2:- single recursion – इस प्रकार के रिकर्शन में केवल एक recursive call होती है.
3:- Multiple recursion – इस प्रकार के रिकर्शन में बहुत सारीं recursive calls होती हैं.
4:- indirect recursion – यह रिकर्शन तब घटित होता है जब एक function दूसरे function को call करता है जिसके कारण उसे original function को call करना पड़ता है.
Recursion का syntax –
इसका basic syntax नीचे दिया गया है:-
void recurse()
{
... .. ...
recurse();
... .. ...
}
int main()
{
... .. ...
recurse();
... .. ...
}
Recursive Function – रिकर्सिव फंक्शन क्या है?
एक recursive function जो है वह tasks को sub tasks में विभाजित करके perform करता है. इसमें एक terminate condition को define किया जाता है. जब recursion रुक जाता है तो यह फंक्शन result को return कर देता है.
Expression in C – C में एक्सप्रेशन क्या है?
Expression in C
- C Language में, एक Expression एक formula होता है जिसमें operand ऑपरेटर की मदद से एक दूसरे से जुड़े हुए रहते है.
- दूसरे
शब्दों में कहें तो, “एक expression ऑपरेटर और operand (ऑपरेंड) का एक
collection होता है जो कि एक विशेष value को प्रस्तुत करता है.”
- Operand (ऑपरेंड) एक function reference, एक variable, एक array element या एक constant हो सकता है.
- Operator एक symbol होता है जो कि किसी task को perform करता है जैसे कि – +, – , *, % आदि.
इसका Example –

a + b
ऊपर दिए गये expression में plus (+) एक operator है तथा a और b दो operands हैं.
Types of Expression in C – एक्सप्रेशन के प्रकार
C प्रोग्रामिंग भाषा में, निम्नलिखित 4 प्रकार के expressions होते हैं:-
- Arithmetic expressions
- Relational expressions
- Logical expressions
- Conditional expressions
Arithmetic expressions
अरिथमेटिक एक्सप्रेशन एक एक्सप्रेशन होता है जिसमें operand और arithmetic operators सम्मिलित रहते हैं. यह एक्सप्रेशन int, float, या double की value को calculate करता है.
जोड़ना (+), घटाना (-), गुणा (*), भाग (/), Modulus (%), Increment (++) और Decrement (-) ऑपरेटर को arithmetic expressions कहते हैं.
example –
A+B;
A-B;
A*B;
A/B;
Relational expression
इस एक्सप्रेशन का प्रयोग दो operands की तुलना (compare) करने के लिए किया जाता है. यह एक condition होती है जिसमें यह निर्णय लिया जाता है कि किसी कार्य को किया जाना चाहिए या नहीं.
इसमें numeric value को string value के साथ compare नहीं किया जा सकता.
इसमें == (equal to), ! = (not equal to), (greater than), <(less than), > = (greater than or equal to), और <= (less than or equal to) ऑपरेटर आते है.
इसका program –
#include <stdio.h>
int main()
{
int a=6;
if(a%2==0)
{
printf("The number a is even");
}
else
printf("The number a is not even");
return 0;
}
इसका आउटपुट :-
The number a is even
Logical Expressions
यह एक्सप्रेशन zero या non-zero value को compute करता है. इसका प्रयोग logical operations को perform करने के लिए किया जाता है.
इसमें && (Logical and), || (Logical or) और ! (Logical not) ऑपरेटर आते हैं.
इसका program –
#include <stdio.h>
int main()
{
int x = 5;
int y = 20;
if ( (x <15) && (y>10))
{
printf("Condition is true");
}
else
printf("Condition is false");
return 0;
}
इसका आउटपुट – Condition is true
Conditional Expressions
जब condition सत्य (true) होती है तो यह एक्सप्रेशन 1 return करता है, अगर असत्य (false) होती है तो 0 return करता है.
इसका syntax –
exp1 ? exp2 : exp3
इसका program –
#include<stdio.h>
#include<string.h>
int main()
{
int age = 26;
char status;
status = (age>18) ? 'Y': 'N';
if(status == 'Y')
printf("Yes, you can vote");
else
printf("No, you can not vote");
return 0;
}
आउटपुट –
Yes, you can vote
Union in C – C में यूनियन क्या है?
Union in C
- C
Language में, Union एक विशेष data type होता है जिसके द्वारा हम अलग-अलग
data types को same (समान) memory location में स्टोर करते हैं.
- दूसरे
शब्दों में कहें तो, “एक यूनियन user के द्वारा define किया हुआ data type
होता है. इसमें सभी members एक ही memory location को share करते हैं.”
- हम Union को बहुत सारें elements के साथ define कर सकते हैं और इसमें प्रत्येक element को member कहते हैं.
- इसे union कीवर्ड के द्वारा define किया जाता है.
- यूनियन,
structure की तरह ही समान होते है परन्तु इनके मध्य एक अंतर होता है.
structure सभी members को स्टोर करने के लिए memory space प्रदान करता है
जबकि union केवल सबसे बड़े member को स्टोर करने के लिए memory प्रदान करता
है.
- हम एक समय में union के केवल एक member को ही access कर सकते हैं. एक समय में सभी members को access नहीं किया जा सकता है.
Define Union – यूनियन define करना
इसे define करने के लिए union keyword का प्रयोग किया जाता है. जिस प्रकार हम structure को डिफाइन करते हैं उसी प्रकार इसे भी करते हैं. नीचे आपको इसका syntax दिया गया है:-
union union_name
{
data_type member1;
data_type member2;
.
.
data_type memeberN;
};
Advantage of union – यूनियन के लाभ
इसके लाभ निम्नलिखित हैं:-
- Structure की तुलना में यह कम memory लेता है अर्थात् इससे मैमोरी की बचत होती है.
- जब हम यूनियन का प्रयोग करते है तो इसके केवल last member को ही direct access किया जा सकता है.
- इसका उपयोग करके हम दो या दो से अधिक data members को एक ही memory location में स्टोर कर सकते हैं.
- यह केवल एक data member के data को hold करता है.
Union का सरल program
#include <stdio.h>
union demo
{
int a;
float b;
char ch;
};
int main( )
{
union demo st;
st.a = 10;
st.b = 30.2;
st.ch = 'x';
printf("%d\n", st.a);
printf("%f\n", st.b);
printf("%c\n", st.ch);
return 0;
}
Union के members को access करना
यूनियन के किसी भी member को access करने के लिए हम member access operator (.) का प्रयोग करते है. इसे dot (.) operator भी कहते हैं. Pointer variables को access करने के लिए हम arrow (->) ऑपरेटर का भी प्रयोग करते हैं.
इसका program नीचे दिया गया है:-
#include <stdio.h>
union demo {
int a;
char b;
};
int main()
{
union demo d1;
d1.a = 88;
// d2 is a pointer to union d1
union demo* d2 = &d1;
// Accessing union members using pointer
printf("%d %c", d2->a, d2->b);
return 0;
}
इसका आउटपुट –
88 X
- String in C in Hindi – C में स्ट्रिंग क्या है?
- Expression in Hindi – एक्सप्रेशन क्या है?
Difference Between Structure and Union– स्ट्रक्चर और यूनियन के मध्य अंतर
इनके मध्य अंतर निम्नलिखित हैं:-
Structure | Union |
Structure को define करने के लिए struct कीवर्ड का प्रयोग किया जाता है. | यूनियन को डिफाइन करने के लिए union कीवर्ड का प्रयोग किया जाता है. |
इसमें प्रत्येक member को एक यूनिक memory space दिया जाता है. | इसमें सभी members एक ही मैमोरी को share करते हैं. |
structure में यदि किसी एक data member की value को change भी कर दिया जाए तो उसका प्रभाव दूसरे data members पर नहीं पड़ता. | यूनियन में यदि एक data member की value को बदल दिया जाए तो दूसरे data members की value भी change हो जाएगी. |
इसमें एक समय में एक से ज्यादा members को access किया जा सकता है. | इसमें एक समय में केवल एक ही member को एक्सेस किया जा सकता है. |
यह flexible array को सपोर्ट करता है. | यह flexible array को सपोर्ट नहीं करता है. |
example – struct Employee{ int age; char name[50]; float salary; }; | union Employee{ int age; char name[50]; float salary; }; |
Call by Value & Call by Reference in C
C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में, function को दो तरीकों से से call किया जा सकता है. पहला call by value और दूसरा call by reference.

Call By Value in C in Hindi
- Call by Value मेथड में, actual parameters की value को फंक्शन के formal parameters में copy किया जाता है.
- दूसरे शब्दों में कहें तो, “इसमें variable की value का प्रयोग function call में प्रयोग किया जाता है.”
- Call by value मेथड में, हम formal parameters के द्वारा actual parameter की value को बदल नहीं सकते.
- इसमें, actual और formal parameters अलग-अलग memory location में स्टोर रहते हैं.
- actual parameter एक ऐसा argument है जिसे function call में प्रयोग किया जाता है जबकि formal parameter एक ऐसा argument है जिसे function definition में प्रयोग किया जाता है.
Example –
#include<stdio.h>
#include<conio.h>
void swap(int x, int y)
{
int temp;
temp = x;
x = y;
y = temp;
}
void main()
{
int x = 50, y = 70;
clrscr();
swap(x, y); // passing value to function
printf("\nValue of x: %d",x);
printf("\nValue of y: %d",y);
getch();
}
आउटपुट –
Value of x: 50
Value of y: 70
Call By Reference in C
- Call by reference में, एक argument के address को formal parameters में copy किया जाता है.
- दूसरे शब्दों में कहें तो, “इसमें variable के address को actual parameter की तरह function call में pass किया जाता है.”
- इसमें अगर हम formal parameter की value को change करते है तो actual parameter की value भी change हो जाएगी.
- call by reference में, दोनों actual और formal parameters एक ही memory location में स्टोर रहते हैं.
इसका उदाहरण –
इसका program नीचे दिया गया है:-
#include<stdio.h>
#include<conio.h>
void swap(int *x, int *y)
{
int temp;
temp = *x;
*x = *y;
*y = temp;
}
void main()
{
int x = 50, y = 70;
clrscr();
swap(&x, &y); // passing value to function
printf("\nValue of x: %d",x);
printf("\nValue of y: %d",y);
getch();
}
इसका आउटपुट –
Value of x: 70
Value of y: 50
Difference between Call by Value and Call by Reference i
इनके मध्य अंतर निम्नलिखित हैं:-
Call By Value | Call By Reference |
function को call करते समय, जब हम variable की value को pass करते हैं तो ऐसे functions को call by value कहते है. | function को call करते समय, जब हम variable के address को pass करते हैं तो ऐसे functions को call by reference कहते हैं. |
इसमें अगर हम variable की copy को change कर दे तो variable की original value नहीं बदलती. | इसमें variable की value बदल दें तो function के बाहर variable की value भी बदल जाएगी |
इसमें हम function call के द्वारा वास्तविक variable की value को बदल नहीं सकते. | इसमें हम function call के द्वारा वास्तविक variable की वैल्यू को बदल सकते हैं. |
इसमें variables की values को सरल तकनीक के द्वारा pass किया जाता है. | इसमें variables के address को स्टोर करने के लिए pointer variable की आवश्यकता होती है. |
इसमें actual और formal parameters दोनों अलग-अलग मैमोरी लोकेशन में store रहते है. | इसमें actual और formal parameters एक ही मैमोरी लोकेशन में स्टोर रहते है. |
इसे C++, PHP, Visual Basic NET, और C# के द्वारा support किया जाता है. | इसे मुख्यतया Java के द्वारा support किया जाता है. |
File Handling in C – फाइल हैंडलिंग क्या है?
C language में, File एक container होता है जिसका प्रयोग data को स्टोर करने के लिए किया जाता है. File Handling एक प्रक्रिया है जिसमें program का प्रयोग करके file में data को स्टोर किया जाता है.
C में, हम file handling का प्रयोग करके एक file में बहुत सारें operations (कार्य) कर सकते हैं जैसे कि – file को create करना, update करना, read करना, और delete करना आदि.
एक file में निम्नलिखित operations को perform किया जा सकता है:-
- नयी file को create करना.
- फाइल को open करना.
- फाइल को read करना.
- फाइल को write करना.
- फाइल को delete करना.
- फाइल को close करना.
File Handling के लिए functions –
C library में बहुत सारें functions मौजूद है जिनके द्वारा हम किसी file को read, write, create, search और open आदि कर सकते है. नीचे आपको इसकी पूरी list दी गयी है:-
No. | Function | Description |
1 | fopen() | इस function का कार्य file को open करना होता है. |
2 | fprintf() | इस फंक्शन के द्वारा हम file में data को write कर सकते हैं. |
3 | fscanf() | इसके द्वारा file में से data को read किया जाता है. |
4 | fputc() | इस function का प्रयोग करके फाइल में एक character को write किया जाता है. |
5 | fgetc() | यह file में से एक character को read करता है. |
6 | fclose() | इस फंक्शन के द्वारा फाइल को close किया जाता है. |
7 | fseek() | यह दी गयी position पर file pointer को set करता है. |
8 | fputw() | यह file में integer को write करता है. |
9 | fgetw() | यह file में से integer को read करता है. |
10 | ftell() | यह current position को return करता है. |
11 | rewind() | यह file की शुरुआत में file pointer को set करता है. |
File को open करना –
किसी file को read, write, या update करने से पहले हमें file को open करना पड़ता है. फाइल को open करने के लिए fopen() फंक्शन का प्रयोग किया जाता है. इसका syntax नीचे दिया गया है:-
FILE *fopen( const char * filename, const char * mode );
fopen() फंक्शन दो parameters लेता है. पहला filename और दूसरा mode.
हम fopen() function में निम्नलिखित modes का प्रयोग file को open करने के लिए कर सकते हैं:-
Mode | Description |
r | यह text फाइल को read mode में open करता है. |
w | यह text फाइल को write mode में open करता है. |
a | यह text फाइल को append mode में open करता है. |
r+ | यह text फाइल को read और write दोनों modes में open करता है. |
w+ | यह text फाइल को read और write दोनों modes में open करता है. |
a+ | यह text फाइल को read और write दोनों modes में open करता है. |
rb | यह binary file को read mode में open करता है. |
wb | यह binary file को write mode में open करता है. |
ab | यह binary file को append mode में open करता है. |
rb+ | यह binary file को read और write दोनों modes में open करता है. |
wb+ | यह binary file को read और write दोनों modes में open करता है. |
ab+ | यह binary file को read और write दोनों modes में open करता है. |
file को close करना –
फाइल में किसी भी कार्य को करने के बाद हमें हमेशा फाइल को close करना चाहिए file को close करने के लिए fclose() फंक्शन का प्रयोग किया जाता है. इसका syntax निम्नलिखित हैं:-
fclose(fptr);
यहाँ fptr एक file pointer है जो कि close किये जाने वाली file से जुडा हुआ है.
File में से data को read करना –
फाइल में से data को read करने के लिए fscanf(), fgets() और fgetc() functions का प्रयोग किया जाता है. इसका syntax नीचे दिया गया है:-
int fscanf(FILE *stream, const char *charPointer[])
File को write करना –
C language में, फाइल को write करने के लिए fprintf(), fputs(), fputc() functions का प्रयोग किया जाता है. इसका syntax नीचे दिया गया है.
int fprintf(FILE *stream, char *string[])
File handling का program –
नीचे आपको file को open, write और close करने का program दिया है.
# include <stdio.h>
# include <string.h>
int main( )
{
FILE *fp ;
char data[50];
// opening an existing file
printf( "Opening the file test.c in write mode" ) ;
fp = fopen("test.c", "w") ;
if ( fp == NULL )
{
printf( "Could not open file test.c" ) ;
return 1;
}
printf( "\n Enter some text from keyboard” \
“ to write in the file test.c" ) ;
// getting input from user
while ( strlen ( gets( data ) ) > 0 )
{
// writing in the file
fputs(data, fp) ;
fputs("\n", fp) ;
}
// closing the file
printf("Closing the file test.c") ;
fclose(fp) ;
return 0;
}
Advantage of File Handling– फाइल हैंडलिंग के लाभ
इसके लाभ निम्नलिखित हैं:-
- इसके
द्वारा हम program से जनरेट हुए data को file में स्टोर कर सकते हैं. और
इस data का प्रयोग बाद में किया जा सकता है. इससे reusability बढती है.
- files का प्रयोग करके हम बड़ी मात्रा के data को भी आसानी से स्टोर कर सकते हैं.
- हम c library में मौजूद functions का प्रयोग करके file के किसी भी part को बहुत जल्दी access कर सकते हैं. इससे time की बचत होती है.
- हम file handling का प्रयोग करके files को एक computer से दूसरे computer में आसानी से transfer कर सकते हैं.
Flowchart – फ़्लोचार्ट क्या है?
- किसी
एल्गोरिथम या प्रोग्राम को चित्रों के रूप में प्रदर्शित करना Flowchart
कहलाता है। अर्थात् फ़्लोचार्ट में एल्गोरिथम या प्रोग्राम को चित्रों की
सहायता से प्रदर्शित किया जाता है.
- Flowchart प्रोग्राम लिखने में बहुत ही उपयोगी साबित होते हैं, इसके द्वारा हम मुश्किल programs को आसानी से समझ सकते हैं.
- फ़्लोचार्ट में बहुत सारें symbols का इस्तेमाल किया जाता है जो कि program के flow को दर्शाते हैं.
- यह
जटील (complex) प्रक्रियाओं को समझने में यूजर की मदद करता है। यह step by
step किसी समस्या को समझने और उसको सुलझाने में मदद करता है।
- फ़्लोचार्ट का इस्तेमाल programming में बहुत सारें कार्यों को करने के लिए किया जाता है जैसे कि – प्रोग्राम बनाने में, प्रोग्राम की debugging करने में, और कठिन programs को solve करने में.
Flowchart Symbols in Hindi – फ़्लोचार्ट के सिंबल
इसके बहुत सारें symbols होते हैं जो कि नीचे दिए गये हैं:-
Start/Stop Symbol – इस symbol का इस्तेमाल प्रत्येक algorithm के शुरुआत और अंत में किया जाता है. यह प्रत्येक फ़्लोचार्ट का पहला और अंतिम सिंबल है. इसका चित्र oval (अंडाकार) होता है. इसे terminal symbol के नाम से भी जाना जाता है.

Input/Output Symbol – इसमें input symbol का इस्तेमाल इनपुट को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है और output symbol का इस्तेमाल आउटपुट को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है. इसका चित्र parallelogram (समानांतर चतुर्भुज) होता है.

Processing Symbol – इसका इस्तेमाल गणितीय कार्य जैसे कि – गुणा करना, भाग करना, जोड़ना, घटाना आदि को दर्शाने के लिए किया जाता है. इसका चित्र rectangle (आयत) होता है.

Decision Symbol– इसका इस्तेमाल decision (निर्णय) लेने के लिए किया जाता है. इसमें true/false या yes/no जैसे decision होते है. इसका चित्र diamond (विषमकोण) होता है.

Connector Symbol – इस सिंबल का इस्तेमाल फ्लोचार्ट के दो या दो से अधिक भागों को जोड़ने के लिए किया जाता है. इसका चित्र circle (गोला) होता है.

Flow Line Symbol – इसका प्रयोग फ्लोचार्ट के sequence (क्रम) को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है. इसका चित्र arrow (तीर) होता है और इस arrow की दिशा ऊपर, नीचे, दायें, बाएं कुछ भी हो सकती है.

Hexagon Symbol – इस सिंबल को preparation symbol भी कहा जाता है. इसका इस्तेमाल for loop, while loop,या दूसरे loops को प्रस्तुत करने के लिए किया जाता है. इसका चित्र hexagon (षट्भुज) होता है.

Document Symbol– इसका इस्तेमाल डॉक्यूमेंट को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है. इसका चित्र नीचे दिया गया है.

Advantages of Flowchart – फ्लोचार्ट के फायदे
1- यह किसी प्रोग्राम के तर्क (logic) को समझने में मदद करता है।
2- इसके द्वारा हम किसी प्रोग्राम और सॉफ्टवेयर को आसानी से डिज़ाइन कर सकते है।
3- फ्लोचार्ट debugging करने में मदद करता है।
4- इसका उपयोग करके प्रोग्राम को आसानी से analyze किया जा सकता है।
5- यह high-level language जैसे कि- Java, C, C++ आदि के कोड को लिखने में प्रोग्रामर की मदद करता है।
6- यह documents को मेन्टेन करने में मदद करता है।
7- फ्लोचार्ट का उपयोग करके documents को कलेक्ट और स्टोर किया जा सकता है।
8- यह सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग में मदद करता है।
9- फ्लोचार्ट की मदद से प्रोग्राम को मेन्टेन करना आसान होता है।
Disadvantages of Flowchart – फ्लोचार्ट के नुकसान
1- बड़े प्रोग्राम का flowchart बनाना बहुत मुश्किल होता है।
2- फ्लोचार्ट को बनाने में बहुत समय लगता है.
3.फ्लोचार्ट को reproduce करना मुश्किल है।
4- फ्लोचार्ट में बदलाव करना मुश्किल होता है।
5- इसका कोई स्टैण्डर्ड नहीं होता है.
Flowchart बनाने के नियम
फ्लोचार्ट बनाने के कुछ नियम होते हैं जिन्हें हमें follow करना चाहिए.
- फ्लोचार्ट में केवल एक start और stop symbol हो सकता है.
- इसमें केवल पारंपरिक (conventional) symbol का इस्तेमाल करना चाहिए।
- फ्लोचार्ट में name और variable का प्रयोग करना चाहिए।
- यदि फ्लोचार्ट बड़ा और कठिन है तो इसमें connector symbols का उपयोग करना चाहिए।
Flowchart का उदाहरण –
तीन संख्याओं के sum (योग) और average (औसत) का फ्लोचार्ट नीचे दिया है:-

Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न
यह प्रोग्राम का graphical representation है. इसका इस्तेमाल डायग्राम के द्वारा program को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है.
इसके बहुत सारें सिंबल होते हैं जैसे कि- start/ stop, rectangle आदि.
Algorithm – एल्गोरिथम क्या है?
- Algorithm निर्देशों का एक समूह है जिसके द्वारा किसी विशेष problem (समस्या) को solve किया जाता है.
- दूसरे शब्दों में कहें तो, “एल्गोरिथम एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा प्रोग्रामिंग में आने वाली समस्या का समाधान किया जाता है.”
- एल्गोरिथम rules (नियमों) का एक समूह होता है जिनका इस्तेमाल step by step किसी काम को पूरा करने में किया जाता है।
- एल्गोरिथ्म
का प्रयोग mathematics और computer science में समस्याओ को सुलझाने के लिए
किया जाता है। यह जटिल (complex) कार्यो को करने में सक्ष्म होता है।
- Algorithm को Flowchart का उपयोग करके प्रस्तुत किया जाता है।
- एल्गोरिथम का प्रयोग हम किसी भी programming language जैसे कि- C, C++, Java, और Python आदि में कर सकते है.
Characteristics of Algorithm – एल्गोरिथम की विशेषताएं
इसकी विशेषताएं निम्नलिखित होती हैं:-

1- Unambiguous (स्पष्ट) – एल्गोरिथम स्पष्ट होनी चाहिए, इसका प्रत्येक स्टेप स्पष्ट होना चाहिए. इसके प्रत्येक step का केवल एक meaning (अर्थ) होना चाहिए. इसका मतलब यह है कि यह हमें आसानी से समझ में आ जानी चाहिए.
2- Input (इनपुट) – एल्गोरिथम के पास एक इनपुट अवश्य होना चाहिए और यह इनपुट अच्छी तरह से defined (परिभाषित) होना चाहिए.
3- Output (आउटपुट) – एल्गोरिथम द्वारा कम से कम एक आउटपुट अवश्य देना चाहिए.
4- Finiteness (परिमित) – एल्गोरिथम finite (परिमित) अवश्य होनी चाहिए, यह infinite (अपरिमित) नहीं होनी चाहिए.
5- Feasible (संभव) – एल्गोरिथम feasible होनी चाहिए. अगर हम ऐसी एल्गोरिथम बनायेंगे जो संभव ही नही है तो उसका कोई फायदा नहीं है.
6- Independent (स्वतंत्र) – एल्गोरिथम स्वतंत्र होनी चाहिए, यह किसी language पर dependent (निर्भर) नही होनी चाहिए. अर्थात् algorithm का इस्तेमाल सभी languages में इस्तेमाल किया जा सकना चाहिए.
Advantages of Algorithm in Hindi – एल्गोरिथम के फायदे
1- Algorithm को समझना आसान होता है।
2- यह किसी समस्या को सुलझाने में मदद करता है।
3- एल्गोरिथ्म को वास्तविक प्रोग्राम में convert करना आसान होता है।
4- यह किसी समस्या को step by step सुलझाता है।
5- यह किसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज पर depend (निर्भर) नहीं होता।
6- इसमें debugging करना आसान होता है।
7- एल्गोरिथम की मदद से हम बड़ी problems को छोटी problems में विभाजित कर सकते हैं.
8- यह प्रोग्राम के ब्लूप्रिंट की तरह कार्य करता है इसलिए प्रोग्राम को लिखना बहुत आसान हो जाता है.
Disadvantages of algorithm – एल्गोरिथम के नुकसान
1- एल्गोरिथम को लिखने में काफी ज्यादा समय लगता है।
2- बड़े एल्गोरिथम बहुत complex (जटिल) होते हैं.
3- इसमें loop स्टेटमेंट जैसे कि – while loop, for loop आदि को दिखाना मुश्किल होता है।
Types of Algorithm – एल्गोरिथम के प्रकार
इसके प्रकार निम्नलिखित होते हैं:-
1- Search
इस एल्गोरिथम का इस्तेमाल किसी item को खोजने के लिए किया जाता है.
2- Sort
इस एल्गोरिथम का इस्तेमाल items को एक विशेष क्रम में sort करने के लिए किया जाता है.
3- Delete
इस एल्गोरिथम का इस्तेमाल items को delete करने के लिए किया जाता है.
4- Insert
इस एल्गोरिथम का इस्तेमाल items को insert करने के लिए किया जाता है.
5- Update
इस एल्गोरिथम का प्रयोग पहले से मौजूद items को update करने के लिए किया जाता है.
Algorithm का उदाहरण
नीचे आपको दो numbers को जोड़ने की एल्गोरिथम का example दिया हैं:-
Step 1 – Start
Step 2 – तीन वेरिएबल num1, num2 और sum को declare करें.
Step 3 - num1 और num2 को वैल्यू assign करें.
Step 4 – num1 और num2 की value को जोड़ें.
Step 5- स्टेप 4 के आउटपुट को वेरिएबल sum में स्टोर करें.
Step 6- sum को डिस्प्ले करें.
Step 7- Stop
Complexity of Algorithm– एल्गोरिथम की कोम्प्लेक्सिटी
किसी एल्गोरिथम की complexity को दो प्रकार से मापा जाता है:-
1- Time Complexity
एक एल्गोरिथम को execute होने में लगने वाले कुल समय को time complexity कहते हैं. अल्गोरिथम की टाइम कॉम्प्लेक्सिटी को Big O notation का इस्तेमाल करके प्रस्तुत किया जाता है।
2- Space Complexity
एल्गोरिथम के द्वारा किसी problem को solve करने में ली गयी memory space की मात्रा को space complexity कहते हैं. स्पेस कॉम्प्लेक्सिटी को Big O (O(n)) notation के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है.
Factors of Algorithm – एल्गोरिथम के फैक्टर
किसी भी algorithm को लिखने से पहले कुछ factors होते हैं जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए.
Modularity – दी गयी problem को छोटे छोटे steps में विभाजित करना modularity कहलाता है.
Correctness – यदि दिए गये input के द्वारा वांछित आउटपुट प्राप्त होता है तो उससे पता चलता है कि एल्गोरिथम correct (सही) है.
Maintainability – इसमें maintainability का अर्थ है कि हमें एल्गोरिथम को बहुत ही सरल तरीके से लिखना चाहिए, जिससे कि हमें बाद में इसमें ज्यादा बदलाव ना करना पड़े.
Functionality – इसमें बहुत सारें steps आते हैं जो वास्तविक दुनिया की समस्याओं को solve करते हैं.
Robustness – यह algorithm की क्षमता होती है जिसके द्वारा problem को सही तरीके से डिफाइन किया जाता है.
User-friendly – एल्गोरिथम यूजर फ्रेंडली होनी चाहिए.
Simplicity – अगर एल्गोरिथम simple होती है तो उसे समझना आसान होता है.
Extensibility – हमारी एल्गोरिथम extensible होनी चाहिए जिससे कि इसका इस्तेमाल कोई दूसरा डिज़ाइनर और प्रोग्रामर भी कर सकें.
Approaches of Algorithm – एल्गोरिथम की एप्रोच
एक algorithm को लिखने की बहुत सारीं approaches होती हैं जो कि निम्नलिखित हैं:-
Divide and Conquer
इस एप्रोच में, एक problem को छोटे छोटे sub-problems में विभाजित कर लिया जाता है. फिर उसके बाद इन sub-problems को एक एक करके solve किया जाता है.
Greedy approach
सभी algorithm approaches में से सबसे सरल और सीधी एप्रोच greedy algorithm है. इस approach में, भविष्य की चिंता किये बिना वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के आधार पर निर्णय लिया जाता है.
Dynamic programming
dynamic programming एक bottom up approach है, इसमें हम सभी संभावित छोटी problems को solve करते हैं और फिर बड़ी problems के solution को प्राप्त करने के लिए उन्हें combine करते हैं।
Algorithm और Flowchart के बीच अंतर
Algorithm | Flowchart |
यह किसी समस्या को solve करने की एक प्रक्रिया है. | यह एक डायग्राम होता है जो data क flow को दर्शाता |
एल्गोरिथम को समझना कठिन है. | फ्लोचार्ट को समझना आसान होता है. |
इसमें text का इस्तेमाल किया जाता है. | इसमें symbols का इस्तेमाल किया जाता है. |
इसे debug करना आसान होता है. | इसे debug करना मुश्किल होता है. |
एल्गोरिथम को बनाना मुश्किल होता है. | फ्लोचार्ट को बनाना आसान होता है. |
malloc() and calloc() – malloc और calloc क्या है?
malloc() क्या है?
- malloc
का पूरा नाम memory allocation होता है. यह एक लाइब्रेरी फंक्शन है जिसका
इस्तेमाल केवल एक memory block को डायनामिक तरीके से allocate करने के लिए
किया जाता है.
- malloc() फंक्शन की मदद से हम प्रोग्राम को execute करते समय यानी कि runtime पर अपने हिसाब से मैमोरी allocate कर सकते हैं.
- malloc फंक्शन garbage वैल्यू को स्टोर किये हुए रहता है.
malloc() का syntax –
ptr = (castType*) malloc(size);
malloc() का program –
#include<stdlib.h>
#include<stdio.h>
int main(){
int *ptr;
ptr = malloc(15 * sizeof(*ptr));
if (ptr != NULL) {
*(ptr + 5) = 480;
printf("Value of the 6th integer is %d",*(ptr + 5));
}
}
इसका आउटपुट –
Value of the 6th integer is 480
Functions of Malloc – malloc के कार्य
1- Malloc function का कार्य मेमोरी को एलोकेट करना होता है।
2- यह dynamic रूप से मेमोरी के एक ब्लॉक को allocate करता है।
3- यह मेमोरी स्पेस को सुरक्षा प्रदान करता है।
4- यह null pointer देता है जो मैमोरी लोकेशन को इंगित (indicate) करने में मदद करता है।
5- यह निश्चित आकार (fixed size) वाली मेमोरी का ब्लॉक बनाता है।
calloc() – calloc() क्या है?
- calloc का पूरा नाम contiguous allocation
होता है. यह एक लाइब्रेरी फंक्शन है जिसका इस्तेमाल बहुत सारें memory
block को डायनामिक तरीके से allocate करने के लिए किया जाता है.
- malloc() की तुलना में calloc() का इस्तेमाल बहुत कम किया जाता है क्योंकि malloc() इससे तेज (fast) होता है.
- malloc()
का इस्तेमाल करते समय हम केवल एक argument को pass करते है परन्तु
calloc() का इस्तेमाल करते समय हम दो arguments को pass करते हैं.
- इसमें पहला argument मैमोरी ब्लॉक की संख्या को बताता है और दूसरा argument प्रत्येक मैमोरी ब्लॉक के आकार (size) को बताता है।
calloc() का Syntax –
ptr = (castType*)calloc(n, size);
calloc का प्रोग्राम-
#include< stdio.h >
#include< stdlib.h >
void main()
{
int *temp,*ptr;
printf("\n***Use of calloc function***\n");
ptr=(int *)calloc(5,2);
for(int i=0;i < 5;i++)
{
printf("Enter the number %d:",i);
scanf("%d",&*ptr+i);
}
for(int j=0;j < 5;j++)
{
temp=ptr+j;
printf("%d\t",*temp);
}
}
Functions of Calloc in Hindi – calloc के कार्य
1- Calloc एक फंक्शन है जिसका मुख्य कार्य बहुत सारें memory block को allocate करना होता है।
2- यह समान आकार वाली मेमोरी ब्लॉक को एलोकेट करता है।
3- यह arrays और structures को एलोकेट करने में मदद करता है।
Difference Between Malloc and Calloc in Hindi – malloc और calloc के बीच अंतर
Malloc | Calloc |
---|---|
malloc() फंक्शन केवल एक memory block को allocate करता है. | calloc() फंक्शन बहुत सारें memory block को allocate करता है. |
इसमें एक argument का प्रयोग किया जाता है. | इसमें दो argument का प्रयोग किया जाता है. |
यह calloc() से तेज (fast) होता है. | यह malloc() से धीमा (slow) होता है. |
यह calloc() की तुलना में कम सुरक्षित होता है. | यह malloc() की तुलना में अधिक सुरक्षित होता है. |
इसकी time efficiency (समय दक्षता) अधिक होती है. | इसकी time efficiency (समय दक्षता) कम होती है. |
यह memory initialization को परफॉर्म नहीं करता है. | यह memory initialization को परफॉर्म करता है. |
यह एक लाइब्रेरी फंक्शन है जिसका इस्तेमाल केवल एक memory block को डायनामिक तरीके से allocate करने के लिए किया जाता है.
यह एक लाइब्रेरी फंक्शन है जिसका इस्तेमाल बहुत सारें मैमोरी ब्लॉक को डायनामिक तरीके से एलोकेट करने के लिए किया जाता है
For Loop – फॉर लूप क्या है?
For Loop in Hindi – फॉर लूप क्या है?
- For Loop एक entry controlled loop (एंट्री कंट्रोल्ड लूप) है इसमें स्टेटमेंट तब तक run होती है जब तक इसकी condition सत्य रहती है.
- दूसरे
शब्दों में कहें तो, “For Loop एक ऐसा loop है जिसमें स्टेटमेंट के run
होने से पहले condition की जांच की जाती है. यदि condition सत्य (true)
होती है तो स्टेटमेंट run होती है, और यदि condition असत्य (false) है तो
for loop को समाप्त (terminate) कर दिया जाता है.”
- For loop का इस्तेमाल किसी statement को बार-बार execute या run करने के लिए किया जाता है.
For Loop का Syntax
for ( initialization; condition; increment/decrement ) {
Statement 1;
Statement 2;
--------------
--------------
Statement n;
}
यह loop तीन घटकों initialization, condition तथा increment/decrement से मिलकर बना होता है.
1:- Initialization फॉर लूप का पहला स्टेप है जिसके द्वारा variable को शुरूआती value प्रदान की जाती है. Initialization को सबसे पहले execute किया जाता है और यह केवल एक बार ही execute होता है.
2:- Condition फॉर लूप का दूसरा स्टेप होता है इसमें condition की जांच की जाती है. यदि condition सत्य होती है तो for loop के अंदर के स्टेटमेंट run होते हैं, अगर असत्य होती है तो for loop समाप्त (terminate) हो जाता है.
3:- Increment/Decrement फॉर लूपकातीसरा स्टेप होता है. यह variable की वैल्यू को कम या ज्यादा करने का काम करता है.
For Loop का चित्र

सभी प्रोग्रामिंग भाषाओँ में For Loop का इस्तेमाल एकसमान ही किया जाता है. यदि आपने For Loop को समझ लिया तो आप While Loop और Do While Loop को आसानी से समझ लेंगे.
For Loop का उदाहरण – For Loop Example in Hindi
नीचे आपको C लैंग्वेज का प्रोग्राम दिया गया है:-
#include<stdio.h>
int main(){
int i;
for(i=1;i<=10;i++){
printf("%d \n",i);
}
return 0;
}
इसका आउटपुट –
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
Advantages of For Loop – फॉर लूप के फायदे
- यह code reusability की सुविधा प्रदान करता है. इसको हम अपने प्रोग्राम में बार बार इस्तेमाल कर सकते है.
- इससे कोड का साइज़ कम हो जाता है.
- इसके द्वारा डेटा स्ट्रक्चर में traversing करना आसान होता है.
Disadvantages of For Loop in Hindi – फॉर लूप के नुकसान
- इसमें हम traversing करते वक्त किसी element को skip नहीं कर सकते.
- इसमें केवल एक ही condition दी जा सकती है.
Nested For Loop in Hindi – नेस्टेड फॉर लूप क्या है?
Nested For Loop एक ऐसा लूप होता है जिसमें For Loop के अंदर कोई दूसरा फॉर लूप या कोई अन्य लूप मौजूद होता है.
इसका syntax –
for ( initialization; condition; increment ) {
for ( initialization; condition; increment ) {
// statement of inside loop
}
// statement of outer loop
}
Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न –
फॉर लूप किसी कोड को तब तक दोहराता है जब तक कंडीशन false नहीं हो जाती है। यह कार्य तो वही करता है जो बाकि के लूप करते है लेकिन यह लूप उसी कार्य को करना कुछ आसान बनता है। दोस्तों फॉर लूप एक ऐसा लूप होता है जिसमें हम एक साथ वेरिएबल की वैल्यू भी असाइन करते है।
for loop की शुरुआत initialization statement से होती हैं इस स्टेटमेंट में एक variable define करते हैं और define variable को एक integer value assign करते हैं। और इस स्टेटमेंट को एक बार ही execute होता हैं।
While Loop क्या है? – What is While Loop?
While Loop – वाइल लूप क्या है?
- While
Loop एक entry controlled लूप है. इसमें स्टेटमेंट तब तक लगातार run होते
रहती है जब तक कि दी हुई condition सत्य (true) होती है.
- दूसरे
शब्दों में कहें तो, “While Loop एक कंट्रोल स्ट्रक्चर है जिसका इस्तेमाल
किसी code को बार-बार run या execute करने के लिए किया जाता है.”
- While
Loop में सबसे पहले condition की जांच की जाती है अगर condition सत्य
(true) होती है तो statement को run किया जाता है और यदि condition असत्य
(false) होती है तो यह loop बंद हो जाता है.
- वाइल लूप को pre tested loop भी कहा जाता है.
While Loop का Syntax
while(condition){
statement 1;
statement 2;
---------------
Statement n;
}
While Loop का चित्र
नीचे आप इसका चित्र देख सकते हैं:-

सभी प्रोग्रामिंग भाषाओँ में While Loop का इस्तेमाल एकसमान ही किया जाता है.
While Loop का उदाहरण
नीचे आपको C लैंग्वेज का प्रोग्राम दिया गया है:-
#include<stdio.h>
int main(){
int i=1;
while(i<=10){
printf("%d \n",i);
i++;
}
return 0;
}
आउटपुट:-
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
While Loop Working in Hindi – वाइल लूप की कार्यविधि
Step 1:- इस लूप में सबसे पहले कंडीशन की जांच की जाती है.
Step 2A:- यदि कंडीशन असत्य है तो लूप बंद हो जाता है.
Step 2B:- यदि कंडीशन सत्य है तो लूप की body को execute किया जाता है.
Step 3:- body को execute करने के बाद स्टेप 1 को फिर से दोहराया जाता है. यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक कि कंडीशन असत्य नहीं हो जाती.
Infinite While Loop क्या है?
Infinite While Loop तब create होता है जब कंडीशन हमेशा सत्य (true) होती है. इसके दो कारण होते है:-
- गलत कंडीशन का इस्तेमाल करना
- स्टेटमेंट का मौजूद ना होना.
Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न –
While Loop एक कंट्रोल स्ट्रक्चर है जो एक कोड को बार-बार run करता रहता है जब तक कि दी हुई कंडीशन सत्य होती है। जब तक कंडीशन सत्य रहती है, तब तक यह कोड या स्टेटमेंट को बार-बार run करता रहता है। जब कंडीशन गलत हो जाती है, लूप बंद हो जाता है.
व्हाइल लूप का उपयोग उन स्थितियों में किया जाता है जहाँ हम पहले से नहीं जानते कि कितनी बार हमें एक कोड को run करना होगा। यह उन स्थितियों के लिए बेहतर है जहाँ हमें कोड को बार बार execute या run करवाने की जरूरत होती है।
डू वाइल लूप क्या है? – Do While Loop
Do While Loop – डू वाइल लूप क्या है?
- Do
While Loop एक exit controlled loop (एग्जिट कंट्रोल्ड लूप) है, इसमें
स्टेटमेंट तब तक run होती है जब तक condition सत्य (true)होती है.
- Do While Loop की खासियत यह है कि इसमें पहले स्टेटमेंट को run किया जाता है उसके बाद condition की जांच की जाती है.
- For
Loop और while loop दोनों ही entry controlled लूप है अर्थात् इनमें पहले
कंडीशन check होती है और उसके बाद स्टेटमेंट run होती हैं.
- जबकि Do While एक exit controlled loop है इसलिए इसमें पहले स्टेटमेंट run होती है उसके बाद ही कंडीशन चेक होती है.
- Do While लूप में कम से कम एक बार स्टेटमेंट जरुर run होता है.
- डू वाइल लूप को Post Tested Loop भी कहा जाता है.
Do While Loop का Syntax
do {
statement 1;
statement 2;
. . . . . . . . . . .
statement n;
}while(condition);
दोस्तों आप ऊपर दिए गये syntax को देखकर आसानी से समझ सकते हैं. इसमें पहले statements को लिखा गया है और अंत में condition को लिखा गया है.
Do While Loop का चित्र
नीचे आप इसका चित्र देख सकते हैं:-

सभी प्रोग्रामिंग भाषाओँ में Do While Loop का इस्तेमाल एकसमान ही किया जाता है.
Do While Loop का उदाहरण
नीचे आपको C लैंग्वेज का प्रोग्राम दिया गया है:-
#include <stdio.h>
int main()
{
int i = 0;
do {
printf("Yugal\n");
i++;
} while (i < 3);
return 0;
}
इसका आउटपुट
Yugal
Yugal
Yugal
Do While Loop Working in Hindi – डू वाइल लूप कैसे काम करता है?
Step 1– Do while लूप में, सबसे पहले स्टेटमेंट को execute या run किया जाता है.
Step 2– उसके बाद condition को चेक किया जाता है.
Step 3– यदि condition सत्य होती है स्टेटमेंट को फिर से execute किया जाता है.
Step 4– यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जबतक कि condition असत्य (false) नहीं हो जाती.
Step 5– जब condition असत्य हो जाती है तो यह लूप समाप्त हो जाता है.
While Loop और Do While Loop के बीच अंतर (Difference)
While Loop | Do While Loop |
---|---|
while loop एक entry controlled loop है. | do while loop एक exit controlled loop है. |
इसे pre tested loop भी कहा जाता है. | इसे post tested loop भी कहा जाता है. |
इसमें पहले कंडीशन की जांच की जाती है उसके बाद ही स्टेटमेंट को run किया जाता है. | इसमें पहले स्टेटमेंट को run किया जाता है उसके बाद ही कंडीशन की जांच की जाती है |
इसमें लूप के अंत में semicolon (;) लगाने की आवश्यकता नहीं होती. | इसमें लूप के अंत में semicolon (;) लगाना जरुरी होता है. |
यह do while लूप की तुलना में धीमा रन होता है. | यह while लूप से तेज़ run होता है. |
Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न-
डू व्हाइल लूप (do while loop) एक कंट्रोल स्टेटमेंट है जिसका उपयोग किसी निश्चित condition के अनुसार एक कोड ब्लॉक को बार-बार execute या run के लिए किया जाता है। इस लूप की सबसे खास बात यह है कि यह कोड को कम से कम एक बार जरुर execute करता है.
डू व्हाइल लूप किसी कोड को कम से कम एक बार execute करने की सुविधा प्रदान करता है। इसलिए यह लूप सामान्यतः उस स्थिति में उपयोगी होता है जब हमें कम से कम एक बार कोड execute करने की आवश्यकता होती है.
C Programming Language MCQ– Multiple choice question
C Language MCQ (सी लैंग्वेज बहुविकल्पीय प्रश्न)
Q1. c भाषा की खोज किसने की है?
- Robert frost
- Dennis Ritchie
- James A. gosling
- E.F codd.
Ans. Dennis Ritchie
Q2. c भाषा कब विकसित की गयी ?
- 1978
- 1972
- 1973
- 1971
Ans. 1972
Q3. C प्रोग्राम किस की मदद से मशीनी भाषा में बदल जाता है,
- editor की मदद से
- कम्पाइलर की मदद से
- असेम्बलर की मदद से
- उपरोक्त कोई भी नही
Ans. कम्पाइलर की मदद से
Q4 एक c वेरिएबल किस से शरू नहीं हो सकता ………
- alphabet से
- नंबर से
- special symbol other then underscore
- दोनों A तथा B
Ans. दोनों A तथा B
Q5. निम्नलिखित में से कौन सा c के arithmetic instruction के लिए प्रयोग होता है,
- {}
- []
- ()
- इनमे से कोई भी नही
Ans. ()
Q6. डेनिस किस प्रोग्रामिंग किताब के लेखक है,
- c प्रोग्रामिंग and technique
- thinking in c
- the c programming language
- learn c step by step
Ans. the c programming language
Q7. निम्नलिखित में से for लूप कितने बार चलता है,
- 0 टाइम
- infinite times (अनंत बार)
- 1 टाइम
- 10 टाइम
Ans- infinite times (अनंत बार)
Q8. Denis Retchie का जन्म कहाँ हुआ था
- santna ana
- Bronxville, new york (USA)
- Dallas
- कोई भी नही
Ans. Bronxville, new york (USA)
Q9. निम्नलिखित में से कौन सा ऑपरेटिंग सिस्टम डेनिस retchie द्वारा बनाया गया है,
- ubuntu
- Linux
- UNIX
- Android
Ans. UNIX
Q10 string क्या है,
- characters का समूह
- विशेष symbols का समूह
- दोनों a or b
- उपरोक्त कोई भी नही
Ans. characters का समूह
Q11. if else condition का उपयोग क्यों करते है,
- एक कंडीशन को check करने के लिए
- बहुत सारी conditions को check करने के लिए
- दोनों a or b
- उपरोक्त कोई भी नही
Ans. एक कंडीशन को check करने के लिए
Q12. entry control loop कौन सा लूप होता है ,
- while loop
- do loop
- for loop
- nested loop
Ans. for loop
Q13. (initial value; test condition; increment/ decrement) किस loop का syntax है,
- for loop
- while loop
- nested loop
- इनमे से कोई नही
Ans. for loop
Q14. निम्नलिखित में से कौन सा switch case को check नही कर सकता ,
- character
- integer
- enum
- float
Ans. float
Q15. किसी भी condition को देखने के लिए किस statement का उपयोग करते है,
- if
- break
- continue
- exit
Ans. if
Q16. निम्नलिखित में से कौन सा looping statement नही है,
- for loop
- while
- do while
- switch
Ans. switch
Q17. for loop है………..
- entry control loop
- फंक्शन कण्ट्रोल loop
- exit कंट्रोल loop
- उपरोक्त कोई भी नही
Ans. entry control loop
Q18. निम्नलिखित में से array के सबसे छोटे element को क्या कहते है,
- lower bound
- upper bound
- middle bound
- range
Ans. lower bound
Q19. array कितने प्रकार के होता है,
- 4
- 3
- 2
- उपरोक्त कोई भी नही
Ans. 3
Q20. निम्नलिखित में से, c में array किस तरह का डाटा टाइप है
- derived डाटा टाइप
- custom डाटा टाइप
- primitive डाटा टाइप
- इनमे से कोई नही
Ans. derived डाटा टाइप
Q21. निम्नलिखित में से c में अगर character(शब्द )INDEA स्टोर करवाना हो तो क्या syntax होगा,
- char name [6] = {‘I’, ’N’, ’D’, ’E’, ’A’, ’\0 ‘, }
- char name [6] = {“I”, “N”, “D”, ”E”, “A”}
- char name [6] = {‘I’, ’N’, ’D’, ’E’, ’A’,}
- char name [ ]; = “INDEA”
Ans. char name [6] = {‘I’, ’N’, ’D’, ’E’, ’A’, ’\0 ‘, }
Q22. pointer एक विशेष प्रकार का variable है, जिसका उपयोग variable का ……….. स्टोर करने के लिए किया जाता है,
- value
- datatype
- variable name
- address
Ans. address
Q23. निम्नलिखित में से pointer को declare करने के लिए किस sign का उपयोग करते है,
- %
- *
- &
- ^
Ans. *
Q24. एक pointer है ……
- वेरिएबल, जो कि instruction को स्टोर करता है
- वेरिएबल, जो दूसरे वेरिएबल के address को स्टोर करता है.
- keyword है, जिसका प्रयोग वेरिएबल को create करने के लिए किया जाता है
- उपरोक्त कोई भी नही
Ans. वेरिएबल, जो दूसरे वेरिएबल के address को स्टोर करता है.
Q25. निम्नलिखित में से “&” कौन सा ऑपरेटर है, pointer का,
- Conditional operator
- Address operator
- Logical operator
- इनमे से कोई नही
Ans. Address operator
26:- c में sizeof क्या है?
- ऑपरेटर
- वेरिएबल
- फंक्शन
- इनमें से कोई नहीं
ans:- ऑपरेटर
27:- एक अल्गोरिथम का ग्राफिकल और डायग्राम के रूप में प्रस्तुतिकरण कहलाता है.
- er डायग्राम
- फ्लो चार्ट
- ये दोनों
- इनमें से कोई नहीं
ans:- फ्लो चार्ट
28:- c प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है:-
- procedural
- ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड
- इनमें से कोई नहीं
ans:- procedural
29:- उसे क्या कहा जाता है, जिसमें किसी problem को हल करने के लिए instructions को स्टेप by स्टेप लिखा जाता है:-
- अल्गोरिथम
- फ्लो चार्ट
- डिबगिंग
- फंक्शन
ans:- अल्गोरिथम
30:- निम्न में से किस ऑपरेटर का प्रयोग operands की वैल्यू को compare करने के लिए किया जाता है:-
- लॉजिकल ऑपरेटर
- रिलेशनल ऑपरेटर
- arithimatic ऑपरेटर
- bitwise ऑपरेटर
ans:- रिलेशनल ऑपरेटर
31:- ऑपरेटर ‘&’ का प्रयोग किया जाता है-
- bitwise AND
- bitwise OR
- logical AND
- logical NOR
ans:- bitwise AND
32:- character वेरिएबल का size कितना होता है-
- 16 बाइट
- 8 बाइट
- 2 बाइट
- 1 बाइट
ans:- 1 बाइट
33:- unsigned integer की अधिकतम वैल्यू कितनी होती है-
- 32767
- -32767
- 65535
- -65535
ans:- 65535
34:- निम्नलिखित प्रोग्राम का आउटपुट क्या होगा-
Int a=15, b=28, c-34
c=a-b;
b=c-b;
a=c-b;
printf (“\^%d%d%d”,a,b,c);
- 15 28 43
- 28 15 43
- 15 28 34
- 28 15 34
Ans:- 28 15 43
35:- break स्टेटमेंट का प्रयोग किया जाता है:-
- प्रोग्राम को quit करने के लिए
- प्रोग्राम को continue करने के लिए
- अगले iteration में जाने के लिए
- current iteration को quit करने के लिए
ans:- current iteration को quit करने के लिए
36:- किसी एक फंक्शन से calling function में control ट्रान्सफर करने के लिए किस keyword का प्रयोग किया जाता है-
- switch
- break
- continue
- return
ans:- return
37:- एक फंक्शन में arguments की अधिकतम संख्या 20 हो सकती है-
- हाँ
- नहीं
ans:- नहीं, एक फंक्शन में arguments कि संख्या 127 तक हो सकती है.
38:- कौन सी हैडर फाइल malloc() तथा calloc() फंक्शन का प्रयोग करती है-
- conio.h
- stdio.hh
- stdlib.h
- math.h
ans:- stdlib.h
39:- निम्नलिखित में से कौन सा लॉजिकल ऑपरेटर नहीं है-
- &
- &&
- ||
- !
Ans:- &
40:- निम्नलिखित में से कौन switch case स्टेटमेंट में check नहीं होता है-
- character
- integer
- float
- enum
ans:- float
41:- Short डेटा टाइप का स्टोरेज size कितना होता है?
- 4 बाइट
- 2 बाइट
- 6 बाइट
- 8 बाइट
उत्तर:- 2 बाइट
42:- long डेटा टाइप का स्टोरेज size कितना होता है?
- 8 बाइट
- 4 बाइट
- 2 बाइट
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर:- 4 बाइट
43:- double डेटा टाइप का स्टोरेज size कितना होता है?
- 2 बाइट
- 4 बाइट
- 8 बाइट
- 16 बाइट
उत्तर:- 8 बाइट
44:- long double डेटा टाइप का स्टोरेज साइज़ कितना होता है?
- 8 बाइट
- 10 बाइट
- 16 बाइट
- 32 बाइट
उतर:- 10 बाइट
45:- STL का पूरा नाम क्या है?
- sample template library
- simple template library
- single type library
- single template library
उत्तर:- simple template library
46:- void एक डेटा type है?
- सत्य
- असत्य
उत्तर:- सत्य
47:- आटोमेटिक स्टोरेज क्लास की default वैल्यू 0 होती है.
- सत्य
- असत्य
उत्तर:- असत्य
48:- = तथा == का एक ही कार्य होता है.
- सत्य
- असत्य
उत्तर:- असत्य
49:- निम्नलिखित प्रोग्राम का आउटपुट क्या होगा?
int y=30;
main()
{
int y=15;
printf (“%d”,y);
}
- 30
- 15
- Error
- इनमें से कोई नहीं.
उत्तर:- 15, क्यूंकि जब भी global variable तथा local variable के मध्य conflict होता है तो local variable को प्राथमिकता दी जाती है.
50:- c language में कितने keywords होते है?
- 32
- 40
- 45
- 56
उत्तर:- c में 32 keywords होते है.
c language mcq
51:- निम्नलिखित में से किस ऑपरेटर की priority सबसे कम है.
- ==
- ++
- %
- &&
उत्तर:- &&
52:- निम्नलिखित प्रोग्राम का आउटपुट क्या होगा?
#include<stdio.h>
main()
{
int *y = 60;
printf(“%d”,*y);
}
- 60
- garbage value
- logical error
- run time error
उत्तर:- run time error होगा क्योंकि pointer variable ने सही address को contain नहीं किया है.
53:- c language में, गणितीय operations करने के लिए किस header फाइल का प्रयोग किया जाता है?
- math.h
- dos.h
- stdio.h
- conio.h
उत्तर:- math.h
54:- पैरामीटर पास करने की default क्रियाविधि है;-
- call by reference
- call by value
- दोनों में से कोई नहीं
उत्तर:- call by value
Comments
Post a Comment